Vedanta Q2 Results: मुनाफे में 59% की गिरावट, निवेशकों को लगा बड़ा झटका! शेयर हुए धड़ाम…

By Ravi Singh

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Vedanta Q2 Results

Vedanta Q2 Results: नमस्कार दोस्तों! अगर आप स्टॉक मार्केट के दीवाने हैं, तो हाल ही में वेदांता के Q2 रिजल्ट्स ने आपको भी चौंका दिया होगा। 31 अक्टूबर 2025 को कंपनी ने अपने जुलाई-सितंबर तिमाही के नतीजे पेश किए, जिसमें नेट प्रॉफिट में 59% की जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई। यह खबर आते ही निवेशकों के चेहरे पर मायूसी छा गई और शेयर प्राइस में भी जोरदार गिरावट देखने को मिली। लेकिन रुकिए, क्या यह सिर्फ एक झटका है या इसके पीछे कोई गहरी वजहें हैं? इस आर्टिकल में हम विस्तार से चर्चा करेंगे कि आखिर वेदांता के साथ क्या हुआ, क्यों हुआ, और आगे क्या हो सकता है। अगर आप निवेशक हैं, तो यह पढ़ना आपके लिए बेहद जरूरी है। चलिए, शुरू करते हैं इस सफर को। About Us

Introduction to Vedanta Q2 Results

वेदांता लिमिटेड, भारत की प्रमुख माइनिंग और मेटल्स कंपनी, ने FY26 की दूसरी तिमाही (Q2) के रिजल्ट्स जारी करते हुए निवेशकों को निराश किया। कंपनी का कंसॉलिडेटेड नेट प्रॉफिट 1,798 करोड़ रुपये रह गया, जो पिछले साल की समान तिमाही में 4,352 करोड़ रुपये था। यानी, सालाना आधार पर 59% की गिरावट! लेकिन अच्छी बात यह है कि रेवेन्यू में 6% की बढ़ोतरी हुई, जो 39,868 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। यह आंकड़े बताते हैं कि ऑपरेशनल स्तर पर कंपनी ठीक चल रही है, लेकिन कुछ असाधारण खर्चों ने प्रॉफिट को चोट पहुंचाई।

वेदांता के चेयरमैन अनिल अग्रवाल की अगुवाई वाली यह कंपनी एल्युमिनियम, जिंक, आयरन ओर, ऑयल एंड गैस जैसे सेगमेंट्स में सक्रिय है। Q2 रिजल्ट्स के बाद शेयर प्राइस NSE पर 2.14% गिरकर 496.10 रुपये पर बंद हुआ। निवेशकों का भरोसा डगमगाया, लेकिन क्या यह गिरावट अस्थायी है? आइए, डिटेल्स में झांकते हैं।

Key Financial Highlights

Q2 FY26 के फाइनेंशियल हाइलाइट्स को समझना जरूरी है, क्योंकि ये नंबर्स ही कंपनी की सेहत का आईना होते हैं। यहां कुछ मुख्य पॉइंट्स हैं:

  • नेट प्रॉफिट: 1,798 करोड़ रुपये (YoY 59% डाउन), लेकिन एक्सेप्शनल आइटम्स से पहले PAT 5,026 करोड़ रुपये (13% अप)।
  • रेवेन्यू फ्रॉम ऑपरेशंस: 39,868 करोड़ रुपये (6% YoY ग्रोथ), टोटल इनकम 40,464 करोड़ रुपये।
  • EBITDA: 11,612 करोड़ रुपये (12% YoY बढ़ोतरी), जो ऑपरेशनल स्ट्रेंथ दिखाता है।
  • नेट डेब्ट/EBITDA रेशियो: 1.37x (पिछले साल के 1.49x से बेहतर), कैश रिजर्व 21,481 करोड़ रुपये।
  • ग्रॉस डेब्ट: 83,544 करोड़ रुपये (सितंबर 2025 तक)।
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ये आंकड़े बताते हैं कि हालांकि प्रॉफिट गिरा, लेकिन EBITDA और रेवेन्यू की ग्रोथ पॉजिटिव सिग्नल दे रही है। कंपनी ने रिकॉर्ड प्रोडक्शन हासिल किया एल्युमिनियम, अल्यूमिना, जिंक MIC, पिग आयरन और पावर जेनरेशन में। अगर एक्सेप्शनल लॉस न होता, तो प्रॉफिट और मजबूत होता।

Reasons Behind the Profit Decline

अब सवाल यह है कि आखिर प्रॉफिट में इतनी बड़ी गिरावट क्यों आई? दोस्तों, मुख्य वजह एक्सेप्शनल लॉस है, जो 2,067 करोड़ रुपये का रहा। इसमें शामिल हैं:

  • सुप्रीम कोर्ट का फैसला: तलवंडी साबो पावर (TSPL) सब्सिडियरी में 1,407 करोड़ रुपये का राइट-ऑफ। सुप्रीम कोर्ट ने 19 अगस्त 2025 को मेगा पावर बेनिफिट क्लेम पर प्रतिकूल फैसला दिया। कंपनी ने रिव्यू पिटीशन दाखिल की है, लेकिन फिलहाल अमाउंट नॉन-रिकवरेबल माना गया।
  • सेटलमेंट पेमेंट: SEPCO इलेक्ट्रिक पावर कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन को 660 करोड़ रुपये का पेमेंट, जो तलवंडी साबो पावर यूनिट पर आर्बिट्रेशन डिस्प्यूट सॉल्व करने के लिए था।
  • पिछले साल का कंपैरिजन: Q2 FY25 में 1,160 करोड़ रुपये का नेट एक्सेप्शनल गेन था, जिससे प्रॉफिट हाई था। इस बार लॉस ने बैलेंस बिगाड़ दिया।

इसके अलावा, कुछ सेगमेंट्स में वॉल्यूम डाउन था, लेकिन LME प्रीमियम और फॉरेक्स गेन्स ने रेवेन्यू को सपोर्ट किया। मैनेजमेंट का कहना है कि यह वन-टाइम इश्यू है, और अंडरलाइंग बिजनेस स्ट्रॉन्ग है।

Segment-Wise Performance

वेदांता का बिजनेस कई सेगमेंट्स में फैला है, और Q2 में कुछ ने अच्छा परफॉर्म किया तो कुछ ने निराश। यहां ब्रेकडाउन:

Zinc, Lead, and Silver

  • रेवेन्यू: 8,235 करोड़ रुपये (3.5% YoY अप)
  • EBITDA: 4,434 करोड़ रुपये (8% अप)
  • हाइलाइट: घरेलू डिमांड मजबूत, प्रोडक्शन कॉस्ट कम। इंटरनेशनल जिंक MIC में रिकॉर्ड प्रोडक्शन।
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Aluminium

  • रेवेन्यू: 15,671 करोड़ रुपये (14% YoY अप)
  • EBITDA: 5,532 करोड़ रुपये (33% अप)
  • हाइलाइट: हाई वॉल्यूम और बेहतर रियलाइजेशन। एल्युमिनियम और अल्यूमिना में रिकॉर्ड प्रोडक्शन।

Iron Ore

  • रेवेन्यू: 1,449 करोड़ रुपये (5.5% YoY अप)
  • EBITDA: डाउन 21% YoY
  • चैलेंज: प्रोडक्शन इश्यूज, लेकिन सेल्स वॉल्यूम अच्छा।

Oil and Gas

  • रेवेन्यू: 2,330 करोड़ रुपये (18% YoY डाउन)
  • EBITDA: 1,029 करोड़ रुपये (12% डाउन)
  • चैलेंज: ऑयल डिस्कवरी कम, एवरेज डेली प्रोडक्शन 15% YoY डाउन।

कुल मिलाकर, मेटल्स सेगमेंट्स ने ग्रोथ दिखाई, जबकि ऑयल एंड गैस ने खींचा।

Impact on Share Price

रिजल्ट्स आने के बाद वेदांता के शेयरों को जमकर ठेस पहुंची। 31 अक्टूबर को NSE पर शेयर 2.5% गिरकर 494.30 रुपये पर ट्रेड कर रहा था। निवेशकों को लगा कि प्रॉफिट ड्रॉप से कंपनी की फाइनेंशियल हेल्थ कमजोर हो गई, लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह शॉर्ट-टर्म रिएक्शन है।

  • मार्केट रिएक्शन: स्ट्रीट व्यू से नीचे प्रॉफिट (36.38 बिलियन vs 17.98 बिलियन) आने से सेलिंग प्रेशर बढ़ा।
  • लॉन्ग-टर्म इंपैक्ट: डेमर्जर प्लान (5 एंटिटीज में स्प्लिट) से वैल्यू अनलॉक हो सकता है, जो शेयर को बूस्ट देगा।
  • कंपैरिजन: पिछले Q2 में भी शेयर वोलेटाइल रहा था, लेकिन रिकवरी हुई।

अगर आप होल्डर हैं, तो पैनिक न करें – EBITDA ग्रोथ पॉजिटिव है।

Future Outlook and Guidance

मैनेजमेंट का आउटलुक काफी ऑप्टिमिस्टिक है। CFO अजय गोयल ने कहा कि FY26 में EBITDA ~6 बिलियन USD (लगभग 53,000 करोड़ रुपये) रहेगा, जो FY22 के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ेगा।

कुछ मुख्य पॉइंट्स:

  • H2 FY26: H1 से 30-40% बेहतर, क्योंकि मॉनसून के बाद वेदर अच्छा, सप्लाई चेन स्टेबल, और मेटल प्रोडक्टिविटी बढ़ेगी।
  • डेमर्जर अपडेट: 5 कंपनियों (Vedanta Aluminium, Oil & Gas, Power, Iron & Steel, Vedanta) में स्प्लिट, NCLT हियरिंग 12 नवंबर को। मार्च 2026 तक कंपलीट।
  • कैपिटल इन्वेस्टमेंट: वॉल्यूम बढ़ाने पर फोकस, जयप्रकाश एसोसिएट्स एक्विजिशन पर काम चल रहा (COC वोटिंग नवंबर मिड तक)।
  • डेब्ट मैनेजमेंट: VRL ने 550 मिलियन USD का रिफाइनेंस किया, इंटरेस्ट कॉस्ट 11.6% से 10% पर।
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कमोडिटी प्राइसेस रिकवर कर रहे हैं, जो वेदांता के लिए बूस्टर बनेगा।

Investor Implications

निवेशकों के लिए यह रिजल्ट्स एक लर्निंग है। यहां कुछ एडवाइज जो ‘Eligibility Criteria’ की तरह सोचें – यानी, कब इनवेस्ट करें या होल्ड करें:

  • Eligibility for Holding: अगर आप लॉन्ग-टर्म इनवेस्टर हैं (2-3 साल), तो एक्सेप्शनल लॉस को इग्नोर करें। EBITDA ग्रोथ और डेमर्जर से वैल्यू क्रिएशन होगा।
  • Risk Factors: ऑयल एंड गैस सेगमेंट वीक, ग्लोबल मेटल प्राइसेस पर निर्भर।
  • Entry Point: शेयर 500 के नीचे आया तो अच्छा बायिंग ऑपर्चुनिटी, टारगेट 600+ in 6 months।
  • डाइवर्सिफिकेशन: पोर्टफोलियो में 5-10% ही अलॉट करें माइनिंग स्टॉक्स को।
  • मॉनिटर करें: अगली तिमाही के रिजल्ट्स, डेमर्जर प्रोग्रेस, और कोर्ट केस अपडेट।

अगर आप नए हैं, तो फाइनेंशियल एडवाइजर से कंसल्ट करें। याद रखें, मार्केट अप एंड डाउन से चलता है, लेकिन फंडामेंटल्स मजबूत रहें तो रिटर्न मिलता है।

Conclusion

वेदांता Q2 रिजल्ट्स ने भले ही झटका दिया, लेकिन यह कंपनी की पूरी स्टोरी नहीं। एक्सेप्शनल लॉस से प्रॉफिट गिरा, लेकिन कोर बिजनेस सॉलिड है। निवेशक स्मार्ट बनें – शॉर्ट-टर्म नॉइज को इग्नोर करें, लॉन्ग-टर्म विजन रखें। अगर आपके पास और सवाल हैं, तो कमेंट्स में पूछें। हैप्पी इनवेस्टिंग!

Ravi Singh

मेरा नाम रवि सिंह है, मैं एक कंटेंट राइटर के तौर पर काम करता हूँ और मुझे लेख लिखना बहुत पसंद है। 4 साल के ब्लॉगिंग अनुभव के साथ मैं हमेशा दूसरों को प्रेरित करने और उन्हें सफल ब्लॉगर बनाने के लिए ज्ञान साझा करने के लिए तैयार रहता हूँ।

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