Swiggy Share Price: फूड डिलीवरी कंपनी स्विग्गी का घाटा बढ़ा, शेयर में आई गिरावट, क्या करें निवेशक?

By Ravi Singh

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Swiggy Share Price

Swiggy Share Price: भारतीय फूड डिलीवरी मार्केट में स्विग्गी का नाम तो आपने सुना ही होगा। रोज़ाना लाखों ऑर्डर डिलीवर करने वाली ये कंपनी अब स्टॉक मार्केट में भी धूम मचा रही है। लेकिन हाल ही में आई Q2 FY26 की रिपोर्ट ने निवेशकों को थोड़ा परेशान कर दिया है। स्विग्गी का घाटा बढ़कर 1,092 करोड़ रुपये हो गया, जिसके बाद शेयर प्राइस में गिरावट देखने को मिली। क्या ये गिरावट एक मौका है या खतरा? इस आर्टिकल में हम विस्तार से चर्चा करेंगे कि स्विग्गी शेयर प्राइस क्यों गिरा, घाटे के पीछे क्या कारण हैं और निवेशकों को आगे क्या करना चाहिए। अगर आप स्टॉक मार्केट में नए हैं या स्विग्गी के शेयर में निवेश सोच रहे हैं, तो ये पढ़ना आपके लिए फायदेमंद होगा। About Us

Swiggy’s Recent Financial Performance

स्विग्गी ने 30 अक्टूबर 2025 को अपनी Q2 FY26 की फाइनेंशियल रिपोर्ट जारी की, जिसमें कई सकारात्मक और नकारात्मक बातें सामने आईं। कंपनी का कंसॉलिडेटेड नेट लॉस 1,092 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की समान तिमाही के 626 करोड़ रुपये से 74% ज्यादा है। हालांकि, अगर पिछले क्वार्टर (Q1 FY26) से तुलना करें, तो घाटा थोड़ा कम हुआ है – Q1 में ये 1,197 करोड़ रुपये था।

दूसरी तरफ, रेवेन्यू में शानदार ग्रोथ देखने को मिली। ऑपरेटिंग रेवेन्यू 54.4% बढ़कर 5,561 करोड़ रुपये हो गया। इसका मुख्य कारण क्विक कॉमर्स सेगमेंट इंस्टामार्ट का तेज़ विकास है, जिसका GOV (ग्रॉस ऑर्डर वैल्यू) 3,602 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। फूड डिलीवरी बिज़नेस भी स्थिर रहा, लेकिन इंस्टामार्ट पर भारी निवेश के चलते घाटा बढ़ा।

  • कुंजी हाइलाइट्स:
    • नेट लॉस: ₹1,092 करोड़ (YoY +74%)
    • रेवेन्यू: ₹5,561 करोड़ (YoY +54.4%)
    • क्विक कॉमर्स GOV: ₹3,602 करोड़
    • कैश रिज़र्व: Q2 में ₹749 करोड़ की कमी, लेकिन Q1 से बेहतर
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ये आंकड़े बताते हैं कि स्विग्गी ग्रोथ के रास्ते पर है, लेकिन प्रॉफिटेबिलिटी अभी दूर की कौड़ी लग रही है।

Reasons Behind the Increased Loss

स्विग्गी का घाटा क्यों बढ़ा? इसका जवाब कंपनी की एक्सपैंशन स्ट्रैटेजी में छिपा है। इंस्टामार्ट को 1,000 से ज़्यादा डार्क स्टोर्स के साथ स्केल करना महंगा पड़ रहा है। Q2 में क्विक कॉमर्स सेगमेंट का एडजस्टेड EBITDA लॉस 849 करोड़ रुपये रहा, जो Q1 के 896 करोड़ से थोड़ा कम है, लेकिन फिर भी भारी।

मार्केटिंग, डिलीवरी पार्टनर इंसेंटिव्स और टेक्नोलॉजी इन्वेस्टमेंट पर खर्च बढ़े हैं। साथ ही, कॉम्पिटिशन ज़ीरोमनी और ब्लिंकिट से तीव्र हो गया है। आउट-ऑफ-होम कंजम्प्शन सीज़न (जैसे फेस्टिवल्स) में भी ग्रोथ धीमी रही।

  • मुख्य कारण:
    • इंस्टामार्ट एक्सपैंशन: नए शहरों में प्रवेश और वेयरहाउस सेटअप
    • हाई ऑपरेटिंग कॉस्ट: डिस्काउंट्स और प्रमोशन्स पर ₹1,500 करोड़ से ज़्यादा खर्च
    • इकोनॉमिक प्रेशर: इन्फ्लेशन और कंज्यूमर स्पेंडिंग में कमी
    • रेगुलेटरी चैलेंजेस: जियो-प्लेटफॉर्म्स और डेटा प्राइवेसी इश्यूज़

कंपनी का कहना है कि ये इन्वेस्टमेंट्स लॉन्ग-टर्म वैल्यू क्रिएट करेंगे, लेकिन शॉर्ट-टर्म में निवेशकों का सब्र टेस्ट हो रहा है।

Impact on Share Price

रिपोर्ट आने के बाद स्विग्गी शेयर प्राइस में उतार-चढ़ाव देखने को मिला। 31 अक्टूबर को शेयर 2.58% गिरकर ₹407.30 के लो पर पहुंचा, लेकिन अगले दिन 4% की उछाल के साथ ₹434.50 तक चढ़ा। वर्तमान में (1 नवंबर 2025) शेयर प्राइस करीब ₹410 के आसपास ट्रेड कर रहा है।

IPO प्राइस ₹390 के मुकाबले ये अभी भी थोड़ा ऊपर है, लेकिन YoY परफॉर्मेंस मिश्रित है। गिरावट का मुख्य कारण घाटे की चौड़ी हुई खाई और कैश बर्न रेट है। हालांकि, मॉर्गन स्टेनली ने ‘ओवरवेट’ रेटिंग दोहराई, जो पॉज़िटिव सिग्नल है।

  • शेयर प्राइस ट्रेंड:
    • IPO लिस्टिंग: ₹390 (नवंबर 2024)
    • Q2 प्री-रिजल्ट: ₹418
    • पोस्ट-रिजल्ट हाई: ₹434.50
    • करंट: ₹409.95 (डाउनट्रेंड)
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निवेशक सेंटीमेंट: शॉर्ट-टर्म सेलर्स एक्टिव, लेकिन लॉन्ग-टर्म होल्डर्स कॉन्फिडेंट।

What Should Investors Do?

अब सवाल ये है – स्विग्गी शेयर में गिरावट के बीच निवेशक क्या करें? ये डिपेंड करता है आपके रिस्क एपेटाइट और इन्वेस्टमेंट होराइज़न पर। अगर आप लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टर हैं, तो ये डिप खरीदने का मौका हो सकता है। कंपनी ₹10,000 करोड़ फंड रेज़ करने की प्लानिंग कर रही है, जो बैलेंस शीट को स्ट्रॉन्ग करेगा।

नोमुरा ने ‘बाय’ रेटिंग रखी है, 37% अपसाइड पोटेंशियल के साथ। लेकिन अगर शॉर्ट-टर्म ट्रेडर हैं, तो वेट एंड वॉच। घाटा कंट्रोल न हुआ तो और प्रेशर आ सकता है।

  • सलाह:
    • होल्ड: अगर पहले से होल्ड कर रहे हैं, तो पोर्टफोलियो का 5-10% रखें।
    • बाय: ₹400 के नीचे एंट्री लें, टारगेट ₹500 (6-12 महीने में)।
    • सेल: अगर रिस्क हाई लगे, तो 20% प्रॉफिट बुक करें।
    • डाइवर्सिफाई: सिंगल स्टॉक पर न लगाएं, ETF में मिक्स करें।

रिस्क: कॉम्पिटिशन और रेगुलेशन। रिवार्ड: क्विक कॉमर्स मार्केट का 30% शेयर।

Investment Process in Swiggy Shares

स्विग्गी शेयर में निवेश कैसे करें? प्रोसेस सिंपल है, लेकिन स्टेप-बाय-स्टेप फॉलो करें। सबसे पहले डीमैट अकाउंट ओपन करें (ज़ेरोधा, ग्रो या अपस्टॉक्स जैसे ब्रोकर से)।

  • स्टेप्स:
    1. KYC कंपलीट करें: आधार, पैन और बैंक डिटेल्स सबमिट।
    2. ट्रेडिंग अकाउंट लिंक: NSE/BSE पर ट्रेडिंग के लिए।
    3. फंड ऐड: UPI या नेट बैंकिंग से मनी ट्रांसफर।
    4. स्टॉक सर्च: SWIGGY टाइप करें, क्वांटिटी चुनें।
    5. बाय ऑर्डर प्लेस: मार्केट या लिमिट प्राइस पर।
    6. मॉनिटर: ऐप पर ट्रैक करें, SIP सेटअप करें।

शुरुआती निवेश ₹5,000 से शुरू करें। टैक्स: LTCG 12.5% (1 साल बाद)।

Important Documents for Investing

निवेश से पहले डॉक्यूमेंट्स रेडी रखें, वरना डिले हो सकता है।

  • आवश्यक डॉक्यूमेंट्स:
    • PAN कार्ड: इनकम टैक्स के लिए अनिवार्य।
    • आधार कार्ड: ई-KYC के लिए।
    • बैंक अकाउंट स्टेटमेंट: लिंकिंग के लिए लास्ट 6 महीने का।
    • प्रूफ ऑफ एड्रेस: यूटिलिटी बिल या रेंट एग्रीमेंट।
    • प्रूफ ऑफ इनकम: सैलरी स्लिप (सैलरीड के लिए)।
    • POA/NPOA: ब्रोकर से साइन (ऑनलाइन भी)।
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ई-साइनिंग से 10 मिनट में हो जाता है। हमेशा ओरिजिनल वेरिफाई करें।

Eligibility Criteria for Stock Investment

स्टॉक मार्केट में निवेश कौन कर सकता है? कोई भी 18+ भारतीय सिटिज़न, लेकिन कुछ क्राइटेरिया फॉलो करें।

  • मुख्य एलिजिबिलिटी:
    • एज: 18 साल से ऊपर।
    • सिटिज़नशिप: भारतीय रेसिडेंट या NRI (NRE अकाउंट से)।
    • PAN: वैलिड PAN नंबर।
    • बैंक अकाउंट: सेविंग्स या करेंट, ब्रोकर से लिंक्ड।
    • रिस्क टॉलरेंस: हाई रिस्क स्टॉक्स के लिए अनुभव।
    • NRI स्पेशल: RBI अप्रूवल अगर PIS अकाउंट।

माइनर के लिए गार्जियन अकाउंट ओपन कर सकते हैं। SEBI रेगुलेटेड ब्रोकर चुनें।

Future Outlook for Swiggy

भविष्य में स्विग्गी कहां? क्विक कॉमर्स मार्केट 2025-30 में 40% CAGR से बढ़ेगा। स्विग्गी का इंस्टामार्ट 25% मार्केट शेयर टारगेट कर रहा है। फंड रेज़ से कैश ₹15,000 करोड़ हो जाएगा, जो एक्सपैंशन मदद करेगा।

  • पॉज़िटिव फैक्टर्स:
    • फेस्टिवल सीज़न बूस्ट
    • न्यू सिटी एंट्री: टियर-2/3 मार्केट्स
    • पार्टनरशिप्स: अमेज़न, पेटीएम जैसी

चैलेंज: प्रॉफिटेबिलिटी 2027 तक। एनालिस्ट टारगेट: ₹500-600।

Conclusion

स्विग्गी का घाटा बढ़ना और शेयर प्राइस में गिरावट चिंता का विषय है, लेकिन ये ग्रोथ स्टेज का हिस्सा है। लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टर्स के लिए पोटेंशियल हाई है, लेकिन रिसर्च करें। हमेशा फाइनेंशियल एडवाइज़र से कंसल्ट करें। स्विग्गी शेयर प्राइस को ट्रैक करते रहें – ये जर्नी अभी शुरू हुई है। क्या आप निवेश करेंगे? कमेंट्स में बताएं!

Ravi Singh

मेरा नाम रवि सिंह है, मैं एक कंटेंट राइटर के तौर पर काम करता हूँ और मुझे लेख लिखना बहुत पसंद है। 4 साल के ब्लॉगिंग अनुभव के साथ मैं हमेशा दूसरों को प्रेरित करने और उन्हें सफल ब्लॉगर बनाने के लिए ज्ञान साझा करने के लिए तैयार रहता हूँ।

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